शिक्षा के बगैर इंसान अंधेरे में रहता है: मौलाना हुसैन -मदरसा जामिया आयशा सिद्दीका लिलबनात छपार में सालाना जलसे का आयोजन

 


मुजफ्फरनगर। छपार के मदरसा जामिया आयशा सिद्दीका लिलबनात में सालाना जलसे का आयोजन किया गया। जलसे की शुरुआत मदरसे की छात्रा सानिया बुशरा की तिलावत और कोसीन की नात से हुई, जबकि संचालन मुस्कान सुम्बुल सिद्दीकी ने किया। जलसे में मदरसे की छात्राओं ने तकरीर नजम और मुकालमे पेश कर मुआशरे को अच्छा पैगाम दिया। इस मौके पर इम्तिहान में कामयाबी हासिल करने वाली छात्राओं को खुसूसी इनाम से नवाजा गया, मदरसे के मोहतमिम कारी मोहम्मद आरिफ कासमी ने कहा कि शिक्षा जागरूकता के लिए जो भी मेहनत जद्दोजहद हम सब कर सकते हैं हमें करनी चाहिए, शिक्षा के बगैर इंसान आगे बढ़ने में बड़ी मुश्किलों का सामना करता है। मौलाना हुसैन अहमद कासमी ने भी संबोधित करते हुए कहा कि हुजूर ए अकरम ने फरमाया है कि तुम सब से बेहतर शख्स वह है जो कुरान-ए-करीम पढे और दूसरो को पढ़ाए। उन्होंने कहा कि हमारे नबी ने फरमाया उन्हें मुअल्लिम बना कर भेजा है। यानि उस्ताद का मरतबा बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि जो बच्चे और बच्चियां कुरान करीम पढ़ते हैं। अल्ला तआला आखरत में उनके मां-बाप को ताज पहनायेंगें। जिसकी रोशनी आफताब माहताब की रोशनी से भी ज्यादा होगी। उन्होंने अभिभावकों से मुखातिब होते हुए कहा कि हमे अपने बच्चो को शिक्षा के साथ-साथ अख्लाकी तालीम भी देनी होगी। बच्चे देश और समाज का भविष्य हैं। उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास कराना चाहिए। साथ ही अनुशासन और सादा जीवन जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को नैतिक मूल्यो की जानकारी देनी होगी, मुआशरा सिर्फ तालीम से ही तरक्की पा सकता है, शिक्षा एक रोशनी है शिक्षा के बगैर इंसान अंधेरे में रहता है, समय-समय पर शिक्षा जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। जलसे में मेहमानों खुसूसी के तौर पर कौसर जहां (प्रधानपति छपार) शाइस्ता प्रवीन (पूर्व प्रधानपति छपार) शीबा व फिरदौस समीत सेंकड़ों महिलाओं ने जलसे में शिरकत की, जलसे का आयोजन करने में आलिमा गुलफरहीन, जैबा, गुलिस्तां सिद्दीकी, सादिया, उजमा ने हिस्सा लिया।